दिल तू ही बत
कहाँ था छुप
क्यूँ आज सुनी तेर
धड़कन पहली बार
दिल तू ही बत
कहाँ था छुप
क्यूँ आज सुनी तेर
धड़कन पहली बार
हाँ दिल ने मेर
सुन ली तेरे दिल की पुकार
दिल की पुकार

दिल तू ही बत
कहाँ था छुप
क्यूँ आज सुनी तेर
धड़कन पहली बार
हाँ दिल ने मेर
सुन ली तेरे दिल की पुकार
दिल की पुकार

दुनिया झूठी लगती ह
दुनिया झूठी लगती ह
सपना सच्चा लगता ह
छुप के तेरी बाहों म
सब कुछ अच्छा लगता ह
यह ऐसी हवा, ऐसी लहर
जिस में सारे बह
जाते हैं यह

बेह गई मैं कह गई म
जो भी मुझे कहना थ
बेह गई मैं कह गई म
जो भी मुझे कहना थ
हाँ दिल ने मेर
सुन ली तेरे दिल की पुकार
दिल की पुकार दिल की पुकार
दिल तू ही बत

बाहों में फलक होता ह
बाहों में फलक होता ह
जन्नत यह ज़मीन लगती ह
क्या प्यार में ये होता ह
हर चीज़ हसीन लगती ह
दिल खोना ही था होना ही थ
इस दिल पे किसी का बस ही कब चल

चली मैं चल
हाँ प्यार की कल
लेके वफ़ा की सदाए
चली मैं चल
हाँ प्यार की कल
लेके वफ़ा की सदाए
हाँ दिल ने मेर
सुन ली तेरे दिल की पुकार
दिल की पुकार
दिल की पुकार

दिल तू ही बत
कहाँ था छुप
क्यूँ आज सुनी तेर
धड़कन पहली बार
हाँ दिल ने मेर
सुन ली तेरे दिल की पुकार
दिल की पुकार दिल की पुकार

Composição: Zubeen garg